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oi-Adarsh Kumar
Pitru
Paksha
2025:
हिंदू
धर्म
में
पितृपक्ष
का
विशेष
महत्व
है।
यह
16
दिनों
की
वह
अवधि
है,
जिसमें
लोग
अपने
पूर्वजों
को
श्रद्धांजलि
देते
हैं
और
उनकी
आत्मा
की
शांति
के
लिए
तर्पण,
पिंडदान
और
दान-पुण्य
करते
हैं।
इस
साल
पितृपक्ष
7
सितंबर
से
शुरू
होकर
21
सितंबर
तक
है।
इस
दौरान
कई
धार्मिक
और
ज्योतिषीय
नियमों
का
पालन
किया
जाता
है,
जिनमें
से
एक
सवाल
अक्सर
उठता
है
कि
क्या
पितृपक्ष
में
कार
या
बाइक
जैसे
वाहन
खरीदना
शुभ
है?
आइए,
जानते
हैं
कि
इस
पर
शास्त्र
के
ज्ञाता
क्या
कहते
हैं?
पितृपक्ष
में
वाहन
खरीदना
माना
जाता
है
अशुभ
शास्त्रों
और
ज्योतिषियों
के
अनुसार,
पितृपक्ष
का
समय
पूर्वजों
की
आत्मा
को
समर्पित
होता
है।
यह
समय
शोक,
स्मरण
और
आध्यात्मिक
कार्यों
के
लिए
होता
है,
न
कि
लंबे
समय
तक
चलने
वाले
भौतिक
सुख-सुविधाओं
या
नए
कार्यों
की
शुरुआत
के
लिए।
मान्यता
है
कि
इस
दौरान
नई
चीजें,
जैसे
कार,
बाइक,
घर,
जमीन,
कपड़े
या
आभूषण
खरीदना
अशुभ
हो
सकता
है।
ऐसा
इसलिए
क्योंकि
पितृपक्ष
में
खरीदी
गई
वस्तुओं
का
फल
स्थायी
नहीं
होता
और
इससे
पितृ
दोष
लगने
की
आशंका
रहती
है।
पितृ
दोष
के
कारण
परिवार
में
आर्थिक
परेशानियां,
स्वास्थ्य
समस्याएं
या
अशांति
हो
सकती
है।
इमरजेंसी
हो
तो
शुभ
मूहूर्त
में
खरीद
सकेत
हैं।
आर्चाय
किशन
महेश्वरी
के
मुताबिक
पितृपक्ष
के
दौरान
कार
या
बाइक
जैसे
बड़े
निवेश
को
टालना
बेहतर
है।
इस
दौरान
विलासिता
से
जुड़ी
चीजें
खरीदना
पितरों
को
प्रसन्न
नहीं
करता,
क्योंकि
यह
समय
संयम
और
श्रद्धा
का
है।
लेकिन,
अगर
आपने
पहले
से
बुक
कर
रखी
है
या
फिर
लिमिटेड
स्टॉक
है,
ऐसे
इमरजेंसी
सिचुएशन
में
आप
शुभ
मुहूर्त
पर
खरीद
सकते
हैं।
विश्वकर्मा
पूजा
पर
अपवाद
इस
साल
पितृपक्ष
के
दौरान
17
सितंबर
को
विश्वकर्मा
पूजा
भी
है।
विश्वकर्मा
पूजा
को
वाहन,
औजार
और
मशीनों
की
पूजा
का
शुभ
दिन
माना
जाता
है।
कई
लोग
इस
दिन
कार
या
बाइक
की
डिलीवरी
लेना
पसंद
करते
हैं।
लेकिन,
पितृपक्ष
में
पड़ने
के
कारण
कुछ
सावधानियां
बरतनी
जरूरी
हैं।
किशन
जी
का
कहना
है
कि
‘अगर
विश्वकर्मा
पूजा
के
दिन
वाहन
खरीदना
जरूरी
हो,
तो
पहले
सुबह
स्नान
करके
पितरों
के
नाम
से
तर्पण
करें
और
ब्राह्मणों
को
दान
दें।
इसके
बाद
ही
वाहन
खरीदें।
ऐसा
करने
से
पितृ
दोष
की
आशंका
कम
हो
सकती
है।’
बहुत
जरूरी
ना
हो
तो
टाल
दें
डिलीवरी
पितृपक्ष
में
कार
या
बाइक
खरीदना
शास्त्रों
के
अनुसार
आमतौर
पर
अशुभ
माना
जाता
है,
क्योंकि
यह
समय
पितरों
के
प्रति
श्रद्धा
और
सादगी
का
होता
है।
अगर
बहुत
जरूरी
हो,
तो
विश्वकर्मा
पूजा
जैसे
शुभ
दिन
पर
तर्पण
और
दान
के
बाद
खरीदारी
की
जा
सकती
है।
बेहतर
यही
है
कि
बड़े
निवेश
के
लिए
पितृपक्ष
के
बाद
का
समय
चुनें।
नवरात्रि
या
दशहरा
में
ही
नई
बाइक
या
कार
खरीदने
की
योजना
नहीं
बनाएं।
English summary
Pitru paksha 2025 car bike kharidna shubh ashubh niyam in hindi
Story first published: Wednesday, September 10, 2025, 20:00 [IST]