Two Wheelers
oi-Ram Mohan Mishra
दोपहिया
वाहन
परिवहन
का
सबसे
सस्ता
साधन
है।
देश
की
एक
बड़ी
आबादी
अपने
रोजमर्रा
और
जरूरी
कामों
के
लिए
टू-व्हीलर्स
पर
ही
डिपेंडेट
है।
इनमें
बाइक
और
स्कूटर
दोनों
शामिल
हैं।
अगर
आप
नया
दोपहिया
वाहन
खरीदते
समय
पूरा
पैसा
नहीं
चुका
सकते
हैं,
तो
Bike
Loan
एक
बेहतर
ऑप्शन
है।
Two
Wheeler
Loan
लेकर
आप
नए
दोपहिया
वाहन
को
कुछ
ब्याज
के
साथ
किस्तों
पर
खरीद
सकते
हैं।
इससे
आपकी
बचत
पर
ज्यादा
बोझ
नहीं
पड़ेगा
और
आप
अपने
सपनों
की
बाइक
या
स्कूटर
आसानी
से
खरीद
सकते
हैं।
इसके
अलावा,
समय
पर
EMI
भुगतान
करने
से
आपका
क्रेडिट
स्कोर
भी
बेहतर
होगा,
जो
भविष्य
में
अन्य
लोन
दिलवाने
में
भी
मददगार
साबित
होगा।
आइए,
टू-व्हीलर
लोन
से
संबिधित
सब
कुछ
जानने
की
कोशिश
करते
हैं।
Two
Wheeler
Loan
कितने
तरह
के
होते
हैं?
दोपहिया
वाहन
खरीदते
समय
आप
कुल
मिलाकर
4
तरह
से
लोन
से
सकते
हैं,
जो
इस
प्रकार
हैं-
1.
न्यू
बाइक
लोन
यह
लोन
नई
बाइक
या
स्कूटर
खरीदने
के
लिए
लिया
जाता
है।
बैंक
और
NBFC
ऑन-रोड
कीमत
का
85-95%
तक
लोन
प्रदान
करते
हैं,
जिसमें
कम
ब्याज
दरें
और
1-5
साल
की
अवधि
होती
है।
ये
सिक्योर्ड
लोन
होता
है,
जहां
बाइक
हाइपोथेकेट
की
जाती
है।
2.
ओल्ड
बाइक
लोन
ये
लोन
सेकंड-हैंड
बाइक
खरीदने
के
लिए
होता
है।
ब्याज
दरें
नई
बाइक
लोन
से
अधिक
हो
सकती
हैं
और
लोन
राशि
बाइक
की
लाइफ
और
कंडीशन
पर
निर्भर
करती
है।
3.
जीरो
डाउन
पेमेंट
लोन
कुछ
लेंडर
100%
ऑन-रोड
कीमत
का
लोन
देते
हैं,
जिसमें
कोई
अग्रिम
भुगतान
नहीं
करना
पड़ता।
हालांकि,
ऐसी
स्थिति
में
ब्याज
दरें
अधिक
हो
सकती
हैं।
4.
मैन्युफैक्चरर/डीलर
टाई-अप
लोन
बाइक
निर्माता
(जैसे
हीरो
या
होंडा)
और
डीलर
बैंकों
के
साथ
मिलकर
विशेष
ऑफर
देते
हैं,
जैसे
कम
ब्याज
दरें
या
मुफ्त
बीमा,
जो
खरीद
को
आकर्षक
लग
सकते
हैं।
इलिजिबिलिटी
और
जरूरी
डॉक्यूमेंट
टू-व्हीलर
लोन
के
लिए
पात्रता
मानदंड
आमतौर
पर
सरल
होते
हैं।
आवेदक
की
आयु
18
से
65
वर्ष
के
बीच
होनी
चाहिए।
वे
भारतीय
नागरिक
होने
चाहिए
और
उनके
पास
स्थिर
आय
का
स्रोत
होना
चाहिए,
जैसे
नौकरी
या
खुद
का
कारोबार।
अच्छा
क्रेडिट
स्कोर
लोन
अप्रूवल
की
संभावनाओं
को
बढ़ाता
है
और
कम
ब्याज
दर
प्राप्त
करने
में
मदद
करता
है।
इसके
लिए
इन
डॉक्यूमेंट्स
को
इकट्ठा
करें-
-
पहचान
प्रमाण:
आधार
कार्ड,
पैन
कार्ड,
पासपोर्ट
या
वोटर
आईडी। -
पता
प्रमाण:
बिजली
बिल,
रेंट
एग्रीमेंट
या
आधार
कार्ड। -
आय
प्रमाण:
सैलरीड
लोगों
के
लिए
सैलरी
स्लिप
या
बैंक
स्टेटमेंट
और
अपना
काम
करने
वालों
के
लिए
इनकम
टैक्स
रिटर्न
या
बैंक
स्टेटमेंट। -
फोटोग्राफ:
पासपोर्ट
साइज
तस्वीरें।
लोन
अमाउंट,
टेन्योर
और
ब्याज
दर
टू-व्हीलर
लोन
की
राशि
आमतौर
पर
बाइक
की
ऑन-रोड
कीमत
का
85%
से
95%
तक
होती
है,
जिसे
लोन-टू-वैल्यू
(LTV)
रेशियो
कहा
जाता
है।
बाकी
राशि
डाउन
पेमेंट
के
रूप
में
चुकानी
पड़ती
है।
कुछ
लेंडर,
जैसे-
हीरो
फिनकॉर्प,
न्यूनतम
₹10,000
और
अधिकतम
₹3,50,000
तक
का
लोन
प्रदान
करते
हैं।
लोन
की
अवधि
आमतौर
पर
1
से
5
वर्ष
तक
होती
है,
जो
आपकी
चुकाने
की
क्षमता
पर
निर्भर
करती
है।
ब्याज
दरें
9.50%
से
16.65%
प्रति
वर्ष
तक
हो
सकती
हैं,
जो
लेंडर,
क्रेडिट
स्कोर
और
लोन
राशि
पर
निर्भर
करती
हैं।
उदाहरण
के
लिए,
IDFC
फर्स्ट
बैंक
9.50%
से
शुरू
होने
वाली
दरें
प्रदान
करता
है।
EMI
और
चार्जेस
EMI
(Equated
Monthly
Installment)
वह
मासिक
राशि
है,
जो
आप
लोन
चुकाने
के
लिए
देते
हैं।
यह
लोन
राशि,
ब्याज
दर,
और
अवधि
पर
निर्भर
करती
है।
आप
EMI
कैलकुलेटर
का
उपयोग
करके
अपने
मासिक
भुगतान
का
अनुमान
लगा
सकते
हैं,
जो
बजट
बनाने
में
मदद
करता
है।
इसके
अलावा,
कुछ
अन्य
शुल्क
देने
पड़
सकते
हैं-
-
प्रोसेसिंग
फीस:
लोन
राशि
का
1-2%। -
प्रीपेमेंट
शुल्क:
यदि
आप
लोन
को
समय
से
पहले
चुकाते
हैं। -
लेट
पेमेंट
पेनल्टी:
EMI
में
देरी
होने
पर।
English summary
Types of two wheeler loan in india eligibility interest rate and emi details
Story first published: Saturday, September 27, 2025, 16:00 [IST]